By Rahul Singh Shekhawat
उत्तराखंड में राज्यसभा सीट के प्रत्याशी पर सबकी नजरें हैं। क्या पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा Vijay Bahuguna को कांग्रेस से बगाबत का ईनाम मिलेगा ? या फिर प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू अथवा हाईकमान का पसंदीदा अन्य नेता प्रत्याशी बनेगा। उधर, भाजपा (BJP) संगठन से जुड़े स्थानीय नेता भी राज्यसभा सीट (Rajyasabha Seat) गढ़ाए हैं। जिनमें अनिल गोयल और दर्जाप्राप्त मंत्री नरेश बंसल भी शामिल हैं।
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सूबे की राज्यसभा सीट पर कांग्रेस सांसद राज बब्बर का कार्यकाल पूरा हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने एक सीट पर चुनाव के लिए 9 नवंबर की तारीख तय की। उत्तराखंड में BJP के 57, कांग्रेस के 11 और 2 निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा के अंकगणित के आधार पर वोटिंग की नौबत नहीं आएगी। लिहाजा भाजपा की जीत तो सुनिश्चित है, लेकिन सवाल ये की प्रत्याशी कौन होगा ?
विजय बहुगुणा को मिलेगा बगाबत का इनाम !
पूर्व CM बिजय बहुगुणा उत्तराखंड की राज्यसभा सीट के टिकट के दावेदार हैं। वह हरीश रावत सरकार के 2016 में असफल तख्तापलट के सूत्रधार रहे। फिर बहुगुणा अपने समर्थक 9 विधायकों के BJP में शामिल हो गए। जिससे भाजपा को विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने में मदद मिली। सूबे में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में 2017 में सरकार बनी। जिसके बाद राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ।
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मोदी-शाह के करीबी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी को टिकट थमाया गया। कह सकते हैं कि बहुगुणा के हाथों से बाजी फिसल गई। कयास थे कि उन्हें किसी राज्य में गवर्नर बनाया जाएगा। लेकिन विजय बहुगुणा का अभी तक नम्बर नहीं आया। चूंकि उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा कांग्रेस में बगाबत का पुरस्कार पाने का उनके लिए आखिरी मौका होगा। देखना होगा कि बहुगुणा को खुशखबरी मिलेगी या नहीं।
राज्यसभा सीट पर भाजपा संगठन के नेताओं की नजर !
BJP प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू उत्तराखंड की राज्यसभा सीट के टिकट के दावेदार हैं। वजह ये वह मोदी-शाह की करीबी टीम का हिस्सा हैं। जाजू लंबे समय से उत्तराखंड में पार्टी संगठन के प्रभारी हैं। प्रभारी रहते 2017 में भाजपा को अप्रत्याशित बहुमत मिला था। इसके अलावा स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा। जाजू का नाम पिछ्ली बार भी उछला था। लेकिन अनिल बलूनी के हाथ बाजी लग गई।
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संगठन से जुड़े किसी अन्य राष्ट्रीय स्तरीय पदाधिकारी की लॉटरी खुल सकती है। इस कड़ी में हरियाणा के संगठन मंत्री सुरेश भट्ट की चर्चा है। दूसरा नाम भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी महेंद्र पांडे का है। उत्तराखंड मूल का होने के चलते दोनों नाम की पतंगबाजी है। हालांकि जिम्मेदारी के तौर पर उत्तराखंड इनकी कर्मभूमि नहीं रहा।
उत्तराखंड के नेता भी पाले हैं राज्यसभा सीट की उम्मीद !
भाजपा संगठन के राष्ट्रीय ही नहीं प्रदेश पदाधिकारी भी राज्यसभा टिकट की जुगत में हैं। प्रदेश महामंत्री अनिल गोयल की चर्चा है। उन्हें पिछली बार पार्टी ने सिंबल दिया था लेकिन हार गए थे। गोयल की पार्टी के फाइनेंसियल इंजन टीम में शुमार होते हैं।
उधर, दर्जाप्राप्त मंत्री नरेश बंसल भी राज्यसभा टिकट के ख्वाहिशमंद हैं। RSS में पैठ रखने वाले नरेश BJP के 7 साल महामंत्री (संगठन) और 7 साल प्रदेश महामंत्री रहे। वह 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। बंसल ने पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी मनोरमा डोबरियाल के खिलाफ नामांकन किया था। लेकिन बाद में वापस ले लिया था।
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