News Front Live, New Delhi
Modi bowed ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 कृषि सुधार कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आगामी संसद सत्र में कानूनों को खत्म करने की विधिवत प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
आखिरकार बीते साढ़े 11 महीने से जारी किसान आंदोलन के सामने Modi सरकार ही झुक गई।
PM ने कहा कि कानून किसानों की बेहतरी के लिए थे लेकिन हम समझा नहीं पाए।
पिछले साल मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में विरोध शुरू हुआ।
किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीते साल 26 नवंबर को दिल्ली से लगे बॉर्डर पर धरना शुरू हो गया।
यह आंदोलन वेस्टर्न UP, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के तराई मैदान में फैलता गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी थी।
केंद्र और किसान संगठनों के बीच हुई दर्जन भर वार्ता बेनतीजा रहीं।
पिछले साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर तिरंगे के नीचे एक धार्मिक झंडा फहराने के बाद वार्ता रुक गई।
उस बीच गाजीपुर बॉर्डर से धरना हटाने की कवायद में राकेश टिकैत के आंसू छलक गए।
किसानों का बड़ा तबका भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया।
Why did Modi bowed ?
दरअसल, फरवरी मार्च में UP, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
अकाली दल ने आंदोलन के चलते NDA से गठबंधन तोड़ दिया।
पश्मिमी उत्तरप्रदेश उत्तराखंड में किसान आंदोलन का असर है।
हालिया उपचुनाव रिजल्ट से BJP को झटका लगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद में तीनों कृषि कानून खत्म होने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया है।
उधर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश के अन्नदाता ने अहंकार का सिर झुका दिया।
उन्होंने पुराना Vedio शेयर किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को किसान विरोधी बिल वापस लेने पड़ेंगे।
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