News Front Live, Dehradun
उत्तराखंड विधानसभा सत्र से पहले भाजपा MLA महेश नेगी से जुड़े कथित सैक्स स्कैंडल में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं। इस कड़ीं में उन पर यौन शोषण और अपनी पुत्री के पिता होने का दावा करने वाली पीड़िता ने मामले की CBI जांच की मांग कर दी। इसके बाबत उनके वकील ने सूबे के गृह सचिव को खत लिखा है। इसके साथ ही ताकीद किया कि अगर हफ्ते भर में पत्र का जवाब नहीं मिला तो फिर नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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आपको बता दें कि देहरादून पुलिस ने पीड़िता के कथित यौन शोषण की शिकायत पर कार्यवाही से पहले सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक की पत्नी की तहरीर पर मय परिजन उसके खिलाफ रंगदारी वसूलने की FIR दर्ज कर ली थी। मजबूरन पीड़िता ने देहरादून में अदालत की शरण ली और ACJM के हुक्म पर MLA और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ IPC की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 के तहत मुकदमा कायम किया गया। इस कड़ी में देहरादून पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करा दिया है।
उधर, एक पुलिसकर्मी का पीड़िता के साथ बातचीत का कथित Audio वायरल हुआ था। जिसमें वह कह रहा था कि महेश नेगी ने विधायक हॉस्टल में उसे पीटकर तमंचे की नोक पर महिला के खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य किया। सम्बंधित पुलिसकर्मी ने जांच अधिकारी CO सदर के समक्ष अपना बयान अपना बयान दर्ज करा दिए हैं।
इसके पहले पीड़िता ने देहरादून पुलिस सरकारी दबाव में पीड़िता की रिपोर्ट लिखने से बचने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय का भी सहारा लिया था। नैनीताल हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर तक पीड़िता को ‘अरेस्टिंग स्टे’ देते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस प्रकरण में पुलिस के समक्ष आधा दर्जन से ज्यादा तहरीर आ चुकी हैं।
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जानिए आखिर क्या है MLA सैक्स स्कैंडल
गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।
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महिलाआयोग एवं SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट:
इस प्रकरण में विधायक नेगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाने वाली महिला के कोर्ट के आदेश के बिना अपनी बच्ची का DNA कराने की जांच की मांग की थी। उनके पहले आयोग के एक पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई।इस कड़ी में आयोग की चैयरमेन उषा नेगी ने उसे पुलिस के जरिए समन भेजकर कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से DNA जांच कराने के मामले में दोपहर बाद 2.30 बजे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।
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BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी:
उधर, MLA महेश नेगी ने भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने पेशी हुई। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हर जांच के लिए तैयार रहने की बात कही। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। जिसके बाद MLA ने तुर्रा छेड़ दिया कि मेरे खर्च पर महिला का नार्को टेस्ट कराए जाए ताकि पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।
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दरअसल, दोनों पक्षों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नए सिरे से ‘माइंड गेम’ शुरू हो गया है। जहां विधायक पत्नी ने पुलिस को फिर एक तहरीर देकर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला पर अपने परिचितों को धमकाने की तोहमत लगाई। वहीं पीड़िता ने जांच करने वाली महिला दारोगा को बदलने की मांग की रोशनी में SSP ने थाने की बजाय SiS को सौंप दी है।
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