UP: योगी बरसे DM पर, बकवास बंद करो-बताओ नोएडा में कंट्रोल रूम क्यूं नही बना, DM ने मांगी 3 महीने की छुट्टी

Gyanendra Shukla, Lucknow

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के जिलाधिकारी (DM) के इस कदर पेंच कसे कि मुख्य सचिव को मौजूदा जिम्मेदारी से हटाकर 3 महीने की छुट्टी की गुहार लगा दी। दरअसल, कोरोना को लेकर राज्य में सबसे भयावह दशा नोएडा की है। जाहिर है वक्त रहते यहां कदम नहीं उठाए गए। जिससे गुस्साए योगी ने DM को भरी मीटिंग में दो टूक बोला बकवास बंद करो, काम कम और शोर ज्यादा करते हो।

मुख्यमंत्री कोरोना के मद्देनजर हुए लॉकडाउन के बाद नोएडा में समीक्षा करने पहुंचे थे। लेकिन कंट्रोल रूम को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनका पारा चढ़ गया। गौरतलब है उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले नोएडा में ही सामने आए हैं। आगे की रामकहानी बाद में पहले योगी और DM बी एन सिंग के बीच के संवाद की एम बानगी सुन लीजिए।

योगी अदित्यनाथ कहते हैं ‘आपकी आदत बहुत खराब है, काम करते नहीं है। लेकिन आवाज बहुत ज्यादा निकालते हैं। आखिर दो महीने से क्या कर रहे थे आप लोग। कंट्रोल रूम को तो मैं स्वयं काफी पहले कह चुका हूं। हरेक जनपद के लिए कहा था, अब तक कंट्रोल रूम क्यों प्रारंभ नहीं हो पाया यहां पर। (DM) बकवास बंद करो अपना, ये बकवास कर करके माहौल खराब किया है आपने यहां पे। जिम्मेदारियों का निर्वहन डालने की बजाय एक दूसरे के ऊपर डालना। दो महीने पहले अलर्ट जारी किया था पूरे प्रदेश के लिए’।

योगी की फटकार के बाद जिलाधिकारी बी एन सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव को एक खत लिखा। जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं व्यक्तिगत कारणों से नोएडा के DM पद पर नहीं रहना चाहता हूं। इतना ही नहीं, उन्होंने 3 महीने की उपार्जित छुट्टियों की भी दरख्वास्त कर दी। जिसके बाद सिंह को जिलाधिकारी पद से हटा दिया गया है।

कहने की बात नहीं है यूपी की नौकरशाही में नोएडा की प्रशासनिक मशीनरी की ऊंची कुर्सी पर काबिज होना अफसरशाही में फक्र का सबब रहा है। इसलिए वहां तैनाती में जाति-जुगाड़ के समीकरण अहम किरदार निभाते रहे हैं। पर जब डीएम सरीखे उच्च पद पर तैनात शख्स इस महाविपदा काल में तीन महीने की छुट्टी की मांग करे तो उस शख्स की योग्यता के संग उसे तैनाती देने वालों पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े होते हैं….

गौरतलब  है कि यूपी में कोरोना को लेकर सबसे भयावह दशा नोएडा की ही है। जाहिर है वक्त रहते यहां कदम नहीं उठाए गए। जिससे नाराज मुख्यमंत्री ने खुद वहां जाकर लापरवाह प्रशासन के पेंच कसे। उन्होंने फटकार लगाई तो डीएम बीएन सिंह छुट्टी की अर्जी लेकर रिरियाने लगे।

इस प्रकरण से सवाल उठता हैं कि क्या नौकरशाही अपने मिजाज के साथ चलेगी। और अगर उसे कुुुछ कह दोगे तो कोरोना रूपी युद्ध के समय काम करने से मना कर देगी। बहरहाल, किसी सेनापति के यूं पीठ दिखाकर निकल भागने की ये दास्तान सूबे की नौकरशाही के दस्तावेजों के शर्मनाक पन्नों में जरूर शुमार होगी।

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