By Rahul Singh Shekhawat
बागी पर BJPकैडर भारी पड़ा है। उत्तराखंड में नरेश बंसल राज्यसभा प्रत्याशी घोषित हुए हैं। संघ में पैठ रखने वाले बंसल कांग्रेस के बागी पर भारी पड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री (CM) विजय बहुगुणा दूसरी बार राज्यसभा टिकट से महरूम रह गए। पहले भाजपा के मूल कैडर के अनिल बलूनी ने राज्यसभा में बैठने का सपना तोड़ दिया था। हाईकमान ने ‘बागी’ बहुगुणा को दरकिनार कर बंसल को तरजीह दी है। जिसे 2022 के मद्देनजर पहाड़ और मैदान में संतुलन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
एक बार फिर BJPकैडर बागी पर भारी साबित हुआ !
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने राज्यसभा के लिए नरेश बंसल का नाम फाइनल कर दिया। प्रदेश नेतृत्व ने राज्यसभा के पैनल में 5 नाम भेजे थे। जिसमें पूर्व CM विजय बहुगुणा का नाम भी था। राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी महेंद्र पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल भी इस फेहरिस्त में शुमार थे। पूर्व सांसद बलराज पासी का नाम भी पैनल में था।
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दरअसल, बहुगुणा कांग्रेस से बगाबत करके ‘कमलमयी’ हुए थे। लेकिन RSS में पैठ रखने वाले दर्जाप्राप्त कैबिनेट मंत्री नरेश को तरजीह मिली। बंसल 7 साल महामंत्री (संगठन) और 7 साल प्रदेश महामंत्री रहे। वह 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। बंसल ने पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी मनोरमा शर्मा डोबरियाल के खिलाफ नामांकन किया था। लेकिन उन्होंने बाद में वापस ले लिया था।
बागी बहुगुणा का BJP में पुनर्वास की उम्मीदें खत्म !
पूर्व CM बिजय बहुगुणा उत्तराखंड की राज्यसभा सीट के टिकट के दावेदार थे। वह हरीश रावत सरकार के 2016 में असफल ‘तख्तापलट’ के सूत्रधार रहे। फिर बहुगुणा अपने समर्थक 9 विधायकों के BJP में शामिल हो गए। जिससे भाजपा को विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने में मदद मिली। सूबे में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में 2017 में सरकार बनी। जिसके बाद राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ। लेकिन मोदी-शाह के करीबी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी को अनिल बलूनी को टिकट दिया गया।
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इस बार नरेश बंसल को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित किया गया। विजय बहुगुणा के संसद के उच्च सदन में बैठने के अरमानों पर दोबारा पानी फिर गया। चूंकि उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा कांग्रेस में बगाबत का पुरस्कार पाने का उनके लिए आखिरी मौका था। अब भविष्य में गवर्नर बनने का ख्वाब देखने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की नौबत नहीं आएगी !
सूबे की राज्यसभा सीट पर कांग्रेस सांसद राज बब्बर का कार्यकाल पूरा हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने एक सीट पर चुनाव के लिए 9 नवंबर की तारीख तय की। उत्तराखंड में BJP के 57, कांग्रेस के 11 और 2 निर्दलीय विधायक हैं। इन हालात में कांग्रेस के उम्मीदवार उतारने की कम ही संभावनाएं हैं। विधानसभा के अंकगणित के आधार पर वोटिंग की नौबत नहीं आएगी।
कहने की जरूरत नहीं है कि भाजपा कैडर कांग्रेस के कथित बागियों के साथ सहज नहीं रहा है। इस कड़ी में बंसल को राज्यसभा भेजना अहम है। 2022 के आम चुनाव से पहले मूल कैैैडर को तरजीह देने का संदेश है।
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