By Rahul Singh Shekhawat
(No Conversion in Uttarakhand) उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराना गैर जमानती अपराध हो गया है।
कन्वर्जन का आरोप साबित होने पर दोषी को अधिकतम 10 साल जेल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगेगा।
मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami का कहना है कि सरकार उत्तराखंड में कानून को दृढ़ता से लागू करेगी।
जिसके लिए उनकी सरकार ने विधानसभा सत्र में उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कराया।
बकायदा धर्मांतरण को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। (No Conversion in Uttarakhand)
सामूहिक धर्मांतरण का दोष साबित होने पर आरोपी को तीन से 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना का प्रावधान है।
इस कड़ी में एक व्यक्ति के कन्वर्जन कराने पर 2 से 7 साल की सजा और 25 हजार जुर्माने की व्यवस्था की गई।
गौरतलब है कि RSS के धार्मिक सियासी एजेंडे को PM Modi ने रफ्तार दी।
उनके ट्रैक पर दौड़ते हुए धामी ने चुनाव पूर्व उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी।
धामी ने दोबारा CM बनने पर हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पूर्व मुख्य सचिव की सदस्यता वाली समिति बनाई।
आपको बता दें कि कि हिमाचल प्रदेश और मोदी के गुजरात में चुनाव जीतने को भाजपा ने धामी फार्मूला अपनाया।
जिसके तहत वहां समान नागरिक संहिता लागू करने का विधान सभा चुनाव घोषणपत्र में वादा किया है।
धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, इसलिए धर्मान्तरण रोकने के लिए कठोर कानून बनाया है।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने धामी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया है।
उन्होंने पूरे देश के राज्यों को ऐसी पहल करने की अपील की है।
जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने पूर्व में कहा था कि हम जबरन धर्मांतरण के खिलाफ हैं।
उन्होंने सरकार से इससे जुड़ी घटनाओं पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।