उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटा, प्रोजेक्ट के 150 लोगों के मरने की आशंका

News Front Live, Chamoli

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटा है। ये घटना सूबे के चमोली जिले के रैणि गांव के पास हुई। ग्लेशियर टूटने से अचानक पानी का सैलाब आ गया। जिससे एक निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह बह गया। जबकि तपोवन में बैराज को नुकसान पहुंचा है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने 100 से 150 लोगों की मौत की आशंका जाहिर की है। मुख्यमंत्री (CM) त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी की। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। खबर लिखे जाने तक SDRF समेत रेस्क्यू में जुटी टीमों को 6 लोगों को जीवित निकालने में कामयाब रहीं। जबकि छह लोगों के शव बरामद किए गए हैं।

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटा, पानी के सैलाब से तबाही!

राज्य के चमोली जिले में रैणि गांव के पास ग्लेशियर टूट गया। भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र से लगे रैणि गांव के पास ये घटना हुई। जिसके बाद क्षेत्र में पानी का सैलाब आ गया और हड़कंप मच गया। ग्लेशियर टूटने के बाद पानी केे तेेेज प्रवाह से तपोवन में बैराज और धौलीगंगा नदी में निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। देखते ही देखते पानी का सैलाब तबाही मचाते हुए आगे बढ़ता गया। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने रेड अलर्ट कर दिया। SDRF, ITBP औऱ जिला प्रशासन मिलकर राहत कार्यों में जुटे हैं। पावर प्रोजेक्ट की टनल से मजदूरों को रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं, प्रशासन ने नदी किनारे के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की अपील की।

डेढ़ सौ लोगों के मरने की आशंका !

रविवार सुबह उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से कमोबेश डेढ़ सौ लोगों के मरने की आशंका है।  दरअसल, तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट में सैंकड़ों की तादाद में मजदूर और कर्मचारी मौजूद थे। जो भारी संख्या में पानी के सैलाब में बहकर लापता हो गए। पानी के बहाव को देखते हुए उनके बचने की संभावना कम है। सूबे के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ANI को बताया कि 100 से 150 लोगों के मरने की आशंका है।

CM त्रिवेंद्र ने मौके पर लिया जायजा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल का जायजा लिया। वह आला अफसरों के साथ तपोवन पहुंचे। जहां उन्होंने जान और माल के नुकसान की मौके पर जानकारी ली। रावत ने कहा कि चमोली पहुंचने तक पानी के प्रवाह में कमी आई है। उन्होंने कहा कि टिहरी डैम में पानी रोकने और श्रीनगर डैम से पानी छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। त्रिवेंद्र ने कहा कि स्थानीय प्रशासन नदी किनारे के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिगंगा प्रोजेक्ट वाश आउट हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि SDRF समेत रेस्क्यू में जुटी टीमों को 6 लोगों को जीवित निकालने में कामयाब रहीं। जबकि छह लोगों के शव बरामद किए गए हैं।

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