News Front Live, Dehradun
चर्चित विधायक सेक्स स्कैंडल सवालों के घेरे में आए BJP विधायक महेश नेगी तो राज्य महिला आयोग के दरबार में हाजिरी लगाई। लेकिन उन पर कथित तौर पर यौन शोषण करने का आरोप लगाने वाली महिला दूसरी बार बुलाने के बावजूद नहीं पहुंची है। बताया गया है कि उसने अन्यत्र कोर्ट में होने की बात कही। सम्बंधित महिला की शिकायत पर आयोग ने दोनों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया था। अब राज महिला आयोग फिर से दोनों को नई तारीख देकर आमने-सामने बात रखने का मौका देगा।
आपको बता दें कि विधायक महेश नेगी यौन उत्पीड़न के आरोपों के घेरे में हैं। विधायक अपनी पत्नी की दर्ज कराई FIR के मद्देनजर जारी जांच में पुलिस को दो बार अपने बयान दे चुके हैं। नेगी की पत्नी और बेटे ने भी देहरादून पुलिस के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। इसके साथ ही उन पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली नामजद महिला, उसकी मां और भाभी पुलिस के समक्ष बयान दे चुकी हैं। अब सिर्फ महिला के पति के पुलिस में बयान होने बाकी हैं। उधर, महिला अपनी तहरीर पर FIR दर्ज नहीं होने पर देहरादून पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चुकी है। इसके साथ ही वह DNA की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर चुकी है।
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जानिए आखिर क्या है MLA सैक्स स्कैंडल ?
अब महिला आयोग फिर से इस हाई प्रोफाइल मामले में काउंसलिंग के लिए नई तारीख तय करेगा। गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।
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महिलाआयोग एवं SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट:
इस प्रकरण में विधायक नेगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाने वाली महिला के कोर्ट के आदेश के बिना अपनी बच्ची का DNA कराने की जांच की मांग की थी। उनके पहले आयोग के एक पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई।
सिंह ने कहा था कि उसने फेसबुक पर इसका प्रचार करके अपनी बच्ची का सामाजिक जीवन शुरू होने से पहले ही जीवन बर्बाद करने का काम किया। वहीं आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि DNA की मांग पर विधायक ने आत्महत्या करने की धमकी दी। आयोग आयोग की चैयरमेन उषा नेगी ने देहरादून के पुलिस कप्तान से दोनों पत्रों की जांच करके रिपोर्ट मांगी है।
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BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी:
उधर, MLA महेश नेगी ने भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने हाल में हुई पेशी के दौरान विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस को सहयोग कर रहा हूं और हर जांच के लिए तैयार हूं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। चूंकि पुलिस की जांच अभी चल रही है लिहाजा उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए। लेकिन बाद MLA ने तुर्रा छेड़ दिया कि मेरे खर्च पर महिला का नार्को टेस्ट कराए जाए ताकि पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।
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क्या कहते हैं Sex स्कैंडल के जांच अधिकारी:
इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच कर रहे CO सदर अनुज कुमार का कहना है कि विधायक पत्नी की FIR में नामजद एक शख्स के बयान बाकी हैं। आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत को GD में दर्ज करके जांच में शामिल किया गया है।
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उधर, खबर है कि आरोप लगाने वाली महिला ने जिस लैब से कथित तौर पर बच्ची का DNA टेस्ट कराया, पुलिस जांच में उसकी पुष्टि नहीं हो पाई। अलबत्ता विपक्ष इस मुद्दे पर राज्य महिला आयोग ने देहरादून और अल्मोड़ा पुलिस कप्तान से महिला की शिकायत पर हुई कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि विपक्ष भाजपा और सरकार दोनों को घेर रहा है।
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