Mukesh Pant, Pithauragadh
भारत में नेपाली मजदूरों का अपनी यानि नेपाल सरकार पर जबर्दस्त गुस्सा फूटा है। उन्होंने धारचूला में विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि या तो हमें वापस बुलाओ वरना गोली मार दो। दरअसल, भारत में कोरोना के चलते 21 दिन का लॉक डाउन है। नेपाली मजदूर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में फंसे हैं।
आपको बता दें कि नेपाली मजदूर बड़ी तादाद में उत्तराखंड में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। केंद्र सरकार ने जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी तालाबंदी घोषित की है। जिसके चलते सैकड़ों नेपाली मजदूर पिछले 3 दिनों से धारचूला में फंसे हुए हैं।
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिले में स्थित धारचूला कस्बा पड़ोसी देश नेपाल से सटा हुआ है। जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन की स्थिति में अपने घर नेपाल जाना चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक नेपाली प्रशासन अपने नागरिकों को बुलाने को तैयार नहीं है। जिसकी पुष्टि पिथौरागढ़ के स्थानीय प्रशासन ने की है।
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जिसके चलते 3 दिनों से धारचूला में फंसे नेपाली मजदूरों के सब्र का पैमाना छलक गया। उन्होंने भारत के धारचुला और नेपाल के दार्चुला के बीच बने झूला पुल पर रविवार को नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गुस्साए मजदूरों ने कहा कि या तो हमे नेपाल में वापस आने दो वरना गोली मार दो।
आपको बता दें कि भारत और नेपाल के पारंपरिक तौर पर रोटी और बेटी के रिश्ते रहे हैं। भारी तादाद में नेपाली नागरिक सीमावर्ती पिथौरागढ़ जिले समेत उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में आजीविका की तलाश में आते हैं। लेकिन वैश्विक कोरोना वायरस की भारत में दस्तक होते ही लॉक डाउन कर दिया गया है।
इस महामारी के हालात में भारत की राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में काम करने वाले हजारों मजदूर पैदल अपने-अपने घरों की तरफ कूच कर रहे हैं। ठीक यही स्थिति नेपाली मजदूरों के साथ है। वो किसी भी तरह खौफजदा हालात में अपने घर वापस जाना चाहते हैं।
लेकिन नेपाल प्रशासन ने अपनी सीमा में एंट्री देने अनाकानी कर रहा। जिसके गुस्साए नेपाली मजदूरों ने अपनी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल कर दिया।