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Sex scandal: बाल आयोग का महिला को समन, DNA पर रखें अपना पक्ष !

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News Front Live, Dehradun

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला को 19 सितंबर को तलब किया है। आयोग ने उसे पुलिस के जरिए समन भेजकर कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से DNA जांच कराने के मामले में दोपहर बाद 2.30 बजे अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। गौरतलब है कि उक्त महिला MLA को बेटी के पिता होने का दावा करते हुए DNA जांच की मांग कर रही है।

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गौरतलब है कि देहरादून पुलिस ने पीड़िता के कथित यौन शोषण की शिकायत पर कार्यवाही से पहले सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक की पत्नी की तहरीर पर मय परिजन उसके खिलाफ रंगदारी वसूलने की FIR दर्ज कर ली थी।  फिर पीड़िता ने अदालत का सहारा लिया और  ACJM अदालत के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज की। इस कड़ी में MLA और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ देहरादून की IPC की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 के तहत मुकदमा कायम किया गया। इस कड़ी में देहरादून पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करा दिया है।

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इसके पहले पीड़िता ने देहरादून पुलिस सरकारी दबाव में पीड़िता की रिपोर्ट लिखने से बचने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय का भी सहारा लिया था। नैनीताल हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर तक पीड़िता को ‘अरेस्टिंग स्टे’ देते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस प्रकरण में पुलिस के समक्ष आधा दर्जन से ज्यादा तहरीर आ चुकी हैं।

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गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने  का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।

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महिलाआयोग एवं SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट:

इस प्रकरण में विधायक नेगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाने वाली महिला के कोर्ट के आदेश के बिना अपनी बच्ची का DNA कराने की जांच की मांग की थी। उनके पहले आयोग के एक पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई।इस कड़ी में आयोग की चैयरमेन उषा नेगी ने देहरादून के पुलिस कप्तान से दोनों पत्रों की जांच करके रिपोर्ट मांगी।

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BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी:

उधर, MLA महेश नेगी ने भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने पेशी हुई। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हर जांच के लिए तैयार रहने की बात कही। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। जिसके बाद MLA ने तुर्रा छेड़ दिया कि मेरे खर्च पर महिला का नार्को टेस्ट कराए जाए ताकि पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।

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तो कथित DNA रिपोर्ट फर्जी है !

खबर है कि आरोप लगाने वाली महिला ने जिस लैब से कथित तौर पर बच्ची के पिता से DNA टेस्ट कराया, पुलिस जांच में उसकी पुष्टि नहीं हो पाई। सूत्रों के मुताबिक पीड़िता के पति की DGP को लिखे खत में डीएनए जांच की बात आई है। उधर, पीड़िता का आज-कल में मेडिकल किया जा सकता है।

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दरअसल,  दोनों पक्षों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नए सिरे से ‘माइंड गेम’ शुरू हो गया है। जहां विधायक पत्नी ने पुलिस को फिर एक तहरीर देकर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला पर अपने परिचितों को धमकाने की तोहमत लगाई। वहीं पीड़िता ने जांच करने वाली महिला दारोगा को बदलने की मांग की रोशनी में  SSP ने थाने की बजाय SiS को सौंप दी है।

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