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Congress: सोनिया 6 महीने रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष, AICC अधिवेशन बुलाने पर सहमति

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News Front Live, New Delhi

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने तय किया है कि फिलहाल सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। करीब 7 घंटे चली इस वर्चुअल मीटिंग में 6 महीने के अंदर AICC का अधिवेशन बुलाने पर सहमति बनी। जिसमें पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस बैठक में राहुल गांधी को फिर से पार्टी की बागडोर सौंपने की बात भी उठी। साथ ही पार्टी में अनुशासन और संगठन की गरिमा के लिए पार्टी से जुड़े मुद्दे उसके फोरम पर उठाने की नसीहत दी गई।

उधर, चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने सोनिया राहुल के में नेतृत्व में भरोसा जताया। उधर, CWC के बाद पार्टी के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया ब्रीफिंग की। उन्होंने इस बात को गलत बताया कि राहुल ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की BJP से मिलीभगत कहा। ग़ौरतलब है कि इस पर वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नाराजगी भरा ट्वीट किया था। हालांकि उन्होंने बाद में यह कहते हुए हटा लिया कि राहुल गांधी ने व्यक्तिगत तौर पर फोन करके स्थिति साफ कर दी है।

गौरतलब है कि पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं के सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने की खबर है। जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य कद्दावर नेता शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक उन्होंने पार्टी में चल रहे नेतृत्व के संकट का जिक्र किया। दरअसल, पार्टी  के वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच अघोषित तलवारें खिंची हुई हैं। मध्यप्रदेश और हाल में राजस्थान में हुई असफल बगाबत को जोड़कर देखा जा रहा है।

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इस चिट्ठी की रोशनी में आयोजित हुई सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक की शुरुआत में सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जताई। लेकिन अधिकांश सदस्यों ने उनसे अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया। जानकारी के मुताबिक पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के राजनीतिक हालात और सोनिया गांधी के स्वास्थ्य के मद्देनजर चिट्ठी की टाइमिंग पर नाराजगी जताई। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश पार्टी को कमजोर करने के बराबर है।

सूत्रों की जानकारी के मुताबिक चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने सीडब्ल्यूसी बैठक में कहा कि उन्हें मौजूदा नेतृत्व में भरोसा है। उन्होंने कथित तौर पर बीजेपी से सांठगांठ होने की बात से इनकार करते हुए पार्टी नेतृत्व की मजबूती की बात कही थी। जिसके बाद सोनिया गांधी कुछ समय और अंतरिम अध्यक्ष पद पर बनाने को राजी हो गई। हालांकि सोनिया ने कहा कि वह आहत हुई हैं लेकिन उनके मन में किसी के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। सभी देश के मुश्किल हालात में एकजुटता के साथ पार्टी को मजबूत करेंगे।

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