Hindi Diwas अंग्रेजीभाषियों से हिंदी में तू-तड़ाक जो होने लगी है!
Hindi Diwas भले ही मौजूदा दौर में खबरिया टेलीविजन चैनल चाहे अथवा अनचाहे हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच चाहे जितना युद्धोन्माद, हिन्दू-मुस्लिम, गाय-गोबर, प्रोपगेंडा और चिल्ला-चिल्ली की ज्यादा गंध फैला रहे हों।लेकिन 90 के दशक से निजी चैनलों के विस्तार ने हमारे देश में राष्ट्रभाषा हिंदी के जनजागरण में एक रूप में बड़ा योगदान दिया है। वरना … Read more