Dehradun/Nainital
उत्तराखंड में घरेलू और विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। शासन में स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने को आदेश जारी किए हैं। राज्य में टूरिज़्म लॉकडाउन अगले आदेश जारी होने तक लागू रहेगा। इसका मतलब अब कोई भी सैलानी नैनीताल-मसूरी समेत उत्तराखंड में कहीं भी सैर सपाटे के लिए नहीं जा पाएगा।
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण नीतेश झा ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज COVID-19 रेगुलेशन 2020 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अग्रिम आदेशों तक उत्तराखण्ड में सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
इस आदेश में कहा गया है कि COVID-19 के फैलाव को रोकने के लिए अनावश्यक भ्रमण न करने के लिए पूर्व अनेक एडवायजरी जारी की गई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता महसूस की गई ताकि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
इस कड़ी में नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बीते रोज ही 31 मार्च तक सभी होटलों को बंद करने का फैसला लिया गया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर हमने सभी सदस्यों से 20 से 30 मार्च तक होटल बंद रखने को कहा है। इस अवधि के बीत जाने के बाद परिस्थितियों के मद्देनजर आगे फैसला लिया जाएगा।
इसके अलावा राज्य सरकार ने 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 31 मार्च तक घर पर ही रहने की अपील की है। इसके बाबत सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार की तरफ से जारी एक अन्य एडवायजरी में सलाह दी गई है कि मेडिकल प्रोफेशनल और अन्य आवश्यक सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों के अलावा अन्य सभी बच्चे और बूढ़े घर पर ही रहें।
यह एडवायजरी इस बात को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है कि बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर कोरोना वायरस के संक्रमण का अधिक प्रभाव देखने को मिला है।
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