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‘वेंटिलेटर एवं मास्क’ का निर्यात ‘आपराधिक साजिश’-राहुल गांधी, WHO की सलाह के विपरीत किन ताकतों की शह पर निर्यात?

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New Delhi

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना के मद्देनजर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह के उलट वेंटिलेटर और सर्जिकल मास्क के निर्यात को सवालिया लहजे में आपराधिक साजिश बताया है।

गांधी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट में नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा कि जब WHO पहले ही वेंटिलेटर और सर्जिकल मास्क का पर्याप्त स्टॉक रखने की सलाह दे चुका है तो फिर भला केंद्र सरकार ने इन जरूरी चीजों के निर्यात की इजाजत क्यों दी?

इतना ही नहीं राहुल ने तल्ख अंदाज में पूछा कि आखिर ये किसकी शह पर किया गया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कहीं जरूरी चीजों के निर्यात के पीछे कथित तौर पर कोई आपराधिक साजिश तो नहीं हुई।

पढ़िए राहुल गांधी ने क्या लिखा-

गौरतलब है कि इसके पहले भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना के खतरे के मद्देनजर इसके पहले भी ना सिर्फ मोदी सरकार को आगाह किया बल्कि उस पर सोशल मीडिया और सीधे बयान देकर लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं।

राहुल गांधी ने  हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना से भारत में आर्थिक सुनामी आएगी। मैं लगातार सरकार से कह रहा हूं लेकिन वो सुन नहीं रही। मुझे दुख है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाली सरकार कुछ नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस से निपटने का एक ही तरीका है, शीघ्र, जोरदार कार्रवाई। निर्णायक ढंग से काम करने में सरकार की नाकामी की वजह से भारत को भारी कीमत चुकानी होगी।

गांधी ने बीते 3 मार्च को PMO को ट्वीट करते हुए लिखा ‘भारत जब आपात स्थिति का सामना कर रहा है तब अपने सोशल मीडिया अकाउंट से क्लाउन की भूमिका निभाते हुए भारत का समय बर्बाद करना बंद कीजिए’।

उसके बाद 13 मार्च को कहा कि ‘मैं इसे दोहराता रहूंगा। कोरोना वायरस एक विशाल समस्या है। समस्या को नजरअंदज करना समाधान नहीं है। अगर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो भारतीय अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी। सरकार गंभीरता को समझ नहीं रही है’।

राहुल गांधी ने जनता कर्फ्यू से ठीक एक दिन पहले 21 मार्च को ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कोरोना वायरस हमारी नाजुक अर्थव्यवस्था पर जोरदार प्रहार है। छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारी तथा दिहाड़ी मजदूर सबसे बुरी तरह प्रभावित होगा। उन्हें ताली बजाने से उन्हें सहायता नहीं मिलेगी। सिर्फ विशालकाय आर्थिक पैकेज से लाभ होगा जिसमें सीधे नकद ट्रांसफर, टैक्स ब्रेक और कर्ज अदायगी स्थगित की जाए’।

 

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