New Delhi
कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से प्रवासी मजदूर और कामगारों के मामला सुप्रीम कोर्ट (SC) की दहलीज में पहुंचा है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। वहीं, देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे ने कहा कि इस वायरस से दहशत और खौफ बड़ी समस्या है।
पिछले तीन-चार दिनों से फजीहत झेल रहे प्रवासी प्रवासी मजदूर और कामगारों का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया। जिसे लेकर दो अलग-याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें लॉकडाउन की वजह से मजदूरों के पलायन का मुद्दा उठाया गया।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार में तालमेल की कमी के चलते कामगारों को परेशानी झेलनी पड़ी। इस कड़ी में UP सरकार ने पहले मजदूरों को ले जाने के लिए बसें भेजी और फिर रोक दिया गया।
जिस पर केंद्र सरकार की पैरवी कर रहे अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि हम दोनों सरकारों के तरफ से उठाए गए कदमों पर एक हलफनामा देना चाहते हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
CJI बोबडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। उन्होंने कहा हम उन चीजों से निपटना नहीं चाहते जिन्हें केंद्र सरकार पहले से संभाल रही है। कोर्ट को पहले ये जानना जरूरी है कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
बोबडे ने कहा कि हम आपकी प्रार्थना पर नोटिस कर रहे हैं लेकिन बिना जवाब के मामले को जटिल नहीं बनाना चाहते हैं। शहरी इलाकों से पलायन करने वाले हजारों मजदूरों के मामले पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है। CJI ने कहा कि दहशत इस वायरस से भी बड़ी समस्या है।
गौरतलब है कि है कि लॉकडाउन के बाद पिछले 3-4 दिनों के दौरान दिल्ली समेत अन्य शहरों से हजारों की तादाद में कामगार और मजदूरों ने पैदल पलायन किया। जिसके चलते ना सिर्फ अफरा तफरी का माहौल बना बल्कि उन्हें कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
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