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उत्तराखंड

आखिरकार 7 महीने के बाद उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे

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News Front Live, Dehradun

उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे। राज्य कैबिनेट ने एक नवंबर से उत्तराखंड में स्कूल खोलने को हरी झंडी दे दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। कैबिनेट ने 17 प्रस्तावों पर मंजूरी दी जबकि एक पर कमेटी गठित कर दी। उधर, Covid-19 के चलते सिर्फ IAS, IPS और IFS के वेतन में कटौती होगी। बाकी राज्य कर्मचारियों के वेतन से महीने में एक दिन की सैलरी नहीं काटी जाएगी।

राज्य के स्कूलों में लौटेगी रौनक

अब उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे। जी हां लॉकडाउन के करीब 7 महीने बाद एक नवंबर से उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे। राज्य में पहले चरण में दसवीं एवं बारहवीं की कक्षाओं मे पढ़ाई शुरू होगी। जिस पर राज्य कैबिनेट की बैठक में मोहर लग गई। जिसके मद्देनजर स्कूलों को सेनिटाइज किया जाएगा।

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उत्तराखंड में स्कूल खोलने के अलावा अहम फैसले हुए

त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में स्कूल खोलने के अलावा कई अन्य फैसले लिए गए हैं।

आबकारी विभाग में मदिरा की बिक्री के लिए ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली शुरू करने पर मुहर।

उद्योग विभाग की सेवा नियमावली में संशोधन।

उत्तराखंड पुलिस मुहर्रिर  नियमावली 2020 में संसोधन।

उत्तराखंड नागरिक सुरक्षा चयन नियमावली में संसोधन।

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उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे, लेकिन नाम मे बदलाव नहीं

जहां एक ओर कमोबेश 7 महीने बाद उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे। वहीं  कैबिनेट ने हिमालयन विश्विद्यालय के नाम बदलने का प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिया। इसका नाम अटल बिहारी वाजपेयी करने का प्रस्ताव था।

Covid19 के मद्देनजर  सिर्फ सीएम, मंत्री, विधायक, IAS, IPS और IFS अधिसकारियों का एक साल तक वेतन कटेगा।कैबिनेट ने निर्णय लिया कि बाकी कर्मचारियों के वेतन में अब कटौती नहीं की जाएगी।

राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयो को अनुदान देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी।

उत्तराखंड नागरिक सुरक्षा अधीनस्थ चयन आयोग नियमावली में संसोधन।

राजकीय महाविद्यालय में छात्र निधि के समुचित उपयोग और प्रबंधन के लिए नियमावली बनाई गई।

पीरुल नीति के तहत पीरुल इकट्ठा करने पर बढ़े हुए 2 रुपये प्रति किलो मिलेंगे।

वर्ग 4 भूमि और वर्ग 3 की भूमि को लेकर साल 2016 में कमेटी बनी। जिसके बाद फिर कुछ कमेटी बनाई गई थी। जिसके आधार पर एक निर्णय लिया गया है। अब वर्ग 3 की भूमि 132 धारा के तहत ना तो रेगुलाइज किया जाएगा, ना ही मालिकाना हक दिया जाएगा।

1983 और उससे पहले से कब्जे धारी को 2004 के तहत पढ़ने वाली सर्किल रेट का मात्र 5% देना होगा।

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(Photo: साभार/मुख्यमंत्री fb पेज)

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