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CMत्रिवेंद्र की CBIजांच होगी ! उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उन पर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही Nainital Highcourt ने पत्रकार के खिलाफ राजद्रोह मामले में दर्ज राज्य सरकार की FIR को क्वेश (खत्म) कर दिया। एकलपीठ के सी.बी.आई.(CBI) जांच के आदेशों से मुख्यमंत्री के लिए असहज स्थिति है।
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CMत्रिवेंद्र की CBIजांच होगी !
नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए झटका है। मामला सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो से जुड़ा है। जिसमें झारखंड के एक व्यक्ति से रुपये के लेनदेन का जिक्र था। कथित तौर पर CM की रिश्तेदार के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर हुई। उत्तराखंड में कतिपय आयोग में पद देने की एवज में कथित घुस दी गई। जिसे झूठा बताते हुए सम्बंधित डॉ हरेंद्र सिंह रावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई।
पत्रकार उमेश कुमार एवं अन्य ब्लैकमेलिंग समेत अन्य संगीन धाराओं में नामजद हुए। सरकार ने बाद में राजद्रोह का भी मुकदमा कायम कर दिया था। आरोप है कि पोस्ट किए गए वीडियो एवं खबर से CM की छवि बिगाड़ने की नीयत से किया गया। जिसे उमेश ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उन्होंने राज्य सरकार के मुकदमें खारिज करने की मांग की थी।
जस्टिस रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने उमेश कुमार की याचिका को ही आधार बनाया। कोर्ट ने महसूस किया कि सच सामने आए। राज्यहित में संदेह का निवारण होना चाहिए। एकलपीठ ने CBI को मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पैरा-8 को आधार मानते हुए सीबीआई को FIR दर्ज करने को कहा।
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नैनीताल हाईकोर्ट नेे पत्रकार के खिलाफ FIR क्वेश की
गौरतलब है कि यह मामला अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री से जुड़ा था। जिसमें IPC की धारा 420, 467, 468, 469, 471 और 120 B के तहत मुकदमा कायम हुआ। इस कड़ी में पिछले दिनों देहरादून पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार किया। जबकि उमेश उत्तराखंड उच्च न्यायालय से स्टे मिल गया था। हालांकि वह पहले इस मामले में जेल जा चुके हैं। जहां नैनीताल हाईकोर्ट ने उमेश के खिलाफ FIR को क्वेश(खत्म) कर दिया। वहीं उनकी याचिका केे आधार पर CBI को मुख्यमंत्री पर उठे सवालों की जांच करने के आदेश दिए हैं ।
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अब क्या करेंगे CM त्रिवेंद्र !
राज्यसरकार और शिकायतकर्ता ने पत्रकारों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग समेत अन्य संगीन मुकदमें कायम किए। जिसके खिलाफ उनकी याचिका की रोशनी में मुख्यमंत्री ही CBI जांच के घेरे में आ गए। हालांकि हाईकोर्ट ने CM पर उठे संदेह के निवारण के लिए जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए असहज स्थिति हो गई है। सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार CBI जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी !
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