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Gehlot-Pilot जंग थमेगी ! आखिरकार राजस्थान में अशोक गहलोत cabinet का पुनर्गठन हो ही गया।
राज्यपाल डॉ कलराज मिश्र ने 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्य की Congress सरकार के गठन के 2 साल 11 महीने बाद पहले पुनर्गठन में 4 दलित और 3 महिलाओं ने शपथ ली।
हाईकमान ने अशोक गहलोत Ashok Gehlot को नाराज किए बिना Sachin Pilot पायलट को संतुष्ट करने का प्रयास किया।
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हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, कैबिनेट मंत्री बने हैं।
इस फेहरित में ममता भूपेश बैरवा, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंदराम मेघवाल और शकुंतला रावत शामिल हैं।
बतौर राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला, जाहिदा खान, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा ने शपथ ली।
गौरतलब है कि 2018 में कांग्रेस सरकार बनने पर मुख्यमंत्री पद के लिए Gehlot-Pilot जंग की शुरुआत हो गई।
लेकिन गांधी के परिवार के विश्वासपात्र गहलोत को CM और तत्कालीन PCC चीफ पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
SOG के सम्मन की आड़ में सीएम न बन पाने की टीस पाले पायलट ने गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी।
लेकिन राजस्थान के तीसरी बार मुखिया बने अशोक ने अपने राजनीतिक चातुर्य से उसे विफल कर दिया था।
इस कड़ी में पायलट को PCC चीफ एवं डिप्टी सीएम और उनके करीबी दो मंत्रियों बर्खास्त किया गया था।
फिर हाईकमान की दखल से सचिन ने अशोक से हाथ मिलाया और अब डेढ़ साल बाद समर्थक विधायक मंत्री बनाए गए हैं।
जिनमें गहलोत के खिलाफ बगाबत करके बर्खास्त हुए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की कैबिनेट में रीएंट्री हुई।
पायलट के करीबी हेमाराम चौधरी कैबिनेट, बृजेंद्र ओला और मुरारी मीणा राज्य मंत्री बने।
जबकि BSP से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों में गुढ़ा को मंत्री बनाया गया है।
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