R Ashwin का संन्यास! कुंबले के बाद सर्वाधिक विकेट लिए!

R Ashwin भारत के इस दिग्गज स्पिनर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।

By Bhola Datt Asnora

मुझे लगता है कि अश्विन अभी एक से दो साल टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे।

खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में. अभी टेस्ट टीम में उनके स्थान को चुनौती देने वाला कोई ऐसा स्पिनर नहीं आया

शायद न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का प्रदर्शन, ऑस्ट्रेलिया में खेलने का कम मौका मिलना और 38 साल की उम्र उनके संन्यास लेने का कारण रहे होंगे।

अश्विन एक साफ दृष्टिकोण वाले खिलाड़ी हैं. सही को सही और गलत को गलत कहने का उनमें माद्दा है।

दक्षिण भारत के अधिकांश खिलाड़ी पूर्ण रूप से प्रोफेशनल होते हैं।

अगर ज्यादा चांस नहीं मिल रहे हैं तो संन्यास में देरी नहीं लगाते।

अश्विन चाहते तो पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे तक टीम के साथ बने रह सकते थे।

मैच फीस और बाकी सुविधाएं मिलती रहती। मगर वो खेलना चाहते थे। वो सिर्फ टूरिस्ट बनकर नहीं रहना चाहते थे।

ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर बाकी दो टेस्ट मैचों में भी खेलने का मौका नहीं मिलेगा।

ये सोचकर उन्होंने संन्यास ले लिया और अगले ही दिन की फ्लाइट से लौट आए।

106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट अश्विन की सफलता की कहानी खुद कहते हैं।

पता ही नहीं चला कि कब अश्विन 100 से ज्यादा टेस्ट खेलकर 500 से ज्यादा विकेट ले गए।

उन्होंने 37 बार टेस्ट मैचों की एक पारी में 5 विकेट और 8 बार टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए।

अश्विन का 14 साल का इंटरनेशनल कैरियर उपलब्धियों से भरपूर रहा।

वो टेस्ट मैचों में अनिल कुंबले के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं।

अनेक बार इन्हें बिना वजह टीम से बाहर बिठाया गया, लेकिन उन्होंने टीम मैनेंजमेंट के निर्णय को स्वीकार किया।

इंजीनियर R Ashwin जेंटलमैन गेम क्रिकेट के सच्चे राजदूत रहे।

साभार: एफबी

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