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Punjab: भगतसिंह के गांव में कृषि कानून के खिलाफ धरना, कैप्टन-रावत हुए शामिल

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कांग्रेस ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Agriculture Bills) के खिलाफ शहीद भगत सिंह की जयंती पर उनके पैतृक गांव में धरना दिया। जिसमें मुख्यमंत्री (CM) कैप्टन अमरिंदर सिंह  के अलावा राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी शिरकत की। पार्टी ने संसद में पारित हुए विधेयकों को किसान विरोधी करार दिया है। इस मौके पर रावत ने कहा कि पार्टी इन काले कानूनों के खिलाफ 2 करोड़ किसानों के दस्तखत राष्ट्रपति को सौंपेगी।

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इसके पहले कांग्रेस(Congress) नेताओं ने शहीद-ए-आजम के गांव खटकर कलां में भगतसिंह की पूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की।  प्रदेश प्रभारी बनने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत पहली बार पंजाब दौरे पर पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने केेंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरना दिया। हालांकि पहले हरीश रावत का अमृतसर में मत्था टेकने का कार्यक्रम था,लेकिन  किसानों के आंदोलन के मद्देनजर वह सीधे धरने में पहुंचे।

रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब देश में कृषि कानून विरोधी आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ गांधी जयंती से 2 करोड़ किसानों के दस्तखत कराकर 14 नवंबर को राष्ट्रपति को सौंपेगी।  सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एग्रीकल्चर कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए राज्यों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण बताया। उधर, प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस केंद्र के काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ है।

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गौरतलब है कि मानसून सत्र के दौरान Modi सरकार ने संसद में सम्बंधित 3 विधेयक पारित कराए थे। जिनके खिलाफ कांग्रेस समेत कई अन्य दलों ने हंगामा किया था। जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत करने के बाद कानून बन गए हैं। लेकिन किसान पंजाब-हरियाणा समेत अन्य राज्यों में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस कड़ीं में Congress  किसानों के समर्थन में देशव्यापी प्रदर्शन के कार्यक्रम कर रही है। इसके पहले किसानों के गुस्से को देखते हुए मोदी सरकार में शामिल रही शिरोमणि अकाली दल ने NDA से नाता तोड़ने दिया है।

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