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यौन शोषण आरोपी MLA गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने महेश नेगी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। उनके खिलाफ देहरादून में दुष्कर्म की रिपोर्ट हुई थी। जिसके खिलाफ नेगी उच्च न्यायालय गए। उन्होंने पीड़िता की FIR निरस्त करने और अरेस्टिंग स्टे मांगा। HC ने विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। जस्टिस एन एस धनिक ने नेगी को पुलिस को सहयोग करने को कहा। हाईकोर्ट ने पीड़िता को भी नोटिस दिया। एकलपीठ ने उत्तराखंड सरकार से 3 हफ्तों में जवाब मांगा है।
यौन शोषण आरोपी MLA से जुड़ी पूरी कहानी
गौरतलब है कि मूल रूप से द्वारहाट की रहने वाली एक महिला ने भाजपा विधायक महेश नेगी पर कथित रूप से शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उसने अपनी बेटी के पिता होने की संभावना जताते हुए DNA जांच की मांग की है। वहीं, विधायक महेश नेगी की पत्नी ने संबंधित महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करके 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का देहरादून पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।
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विधायक से पहले पीड़िता के खिलाफ FIR
आपको बता दें कि पीड़िता ने देहरादून पुलिस से कथित सेक्स स्कैंडल की शिकायत की। लेकिन पुलिस ने यौन शोषण के आरोपी MLA पत्नी को तवज्जो दी। जिसकी तहरीर पर मय परिजन पीड़िता खिलाफ FIR दर्ज हो गई। मजबूरन उनने देहरादून में अदालत की शरण ली। ACJM के हुक्म पर MLA और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ IPC की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 के तहत मुकदमा कायम किया गया।
BJP प्रदेश नेतृत्व के सामने विधायक की हुई पेशी
महेश नेगी की भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के सामने पेशी हुई। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि विधायक DNA जांच के लिए तैयार हैं। लेकिन यह सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही होता है। जिसके बाद MLA ने तुर्रा छेड़ा कि मेरे खर्च पर महिला का नार्को टेस्ट कराए। ताकि पता चले कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं।
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SCPCR ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
इस प्रकरण में विधायक नेगी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाने वाली महिला के कोर्ट के आदेश के बिना अपनी बच्ची का DNA कराने की जांच की मांग की थी। उनके पहले आयोग के एक पूर्व सदस्य हरि सिंह ने आयोग को एक शिकायती पत्र लिखा। जिसमें यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अपनी पुत्री के DNA जांच करवाने पर चिंता जताई।इस कड़ी में आयोग की चैयरमेन उषा नेगी ने उसे पुलिस के जरिए समन भेजा। उसे गैर कानूनी तरीके से DNA जांच कराने की बाबत पूछताछ के लिए बुलाया।
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दरअसल, दोनों पक्षों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नए सिरे से ‘माइंड गेम’ शुरू हो गया है। जहां विधायक पत्नी ने पुलिस को फिर एक तहरीर देकर कथित यौन शोषण के आरोप लगाने वाली महिला पर अपने परिचितों को धमकाने की तोहमत लगाई। वहीं पीड़िता ने सैक्स स्कैंडल की CBI जांच की मांग उठाई। उनके वकील ने बकायदा सूबे के गृह सचिव को खत लिखा।
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