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Pegasus-जासूसी पर सुप्रीमकोर्ट सख्त ! चीफ जस्टिस CJI एनवी रमना ने निजता के मौलिक अधिकार के उल्लंघन को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट नेता और पत्रकार ही नहीं बल्कि देश के आम नागरिक की निजता को भी संरक्षित करेगा।
कोर्ट ने पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित की है।
कोर्ट ने कहा कि खास के साथ प्रत्येक आम नागरिक के निजता अधिकार का संरक्षण जरूरी है।
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सुप्रीम अदालत ने कहा कि पेगासस जासूसी के बड़े प्रभावों प्रकृति के मद्देनजर मामले की सच्चाई पता लगनी चाहिए।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को उठाकर हर बार बचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
न्यायालय के मुताबिक न्यायिक समीक्षा पर पाबंदी नहीं है, लिहाजा सरकार को जासूसी मामले में अपने स्टैंड को सही साबित करना चाहिए था।
इसलिए उसे मूकदर्शक बनाने की कोशिश से बचने की जरूरत थी।
सुप्रीम अदालत ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा का अतिक्रमण नहीं करेगा लेकिन मूकदर्शक बनकर भी नहीं बैठ सकता है।
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इस मामले में विदेशी एजेंसियों के शामिल होने के आरोप हैं, इसलिए जांच होनी चाहिए।
कोर्ट ने कई बार समय देने के बावजूद सरकार के सीमित हलफनामा देने पर एतराज जताया।
Pegasus-जासूसी पर सुप्रीमकोर्ट सख्त होने से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को झटका लगा है।
वजह ये कि कांग्रेस ने पिछले सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने संसद में जवाब नहीं दिया लेकिन कांग्रेस इस पर बहस के लिए जोर देगी।
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