News Front Live, Patna
बिहार में NDA को बहुमत मिल गया है। दिलचस्प बात ये है कि JDU की हार हुई। जबकि चिराग की लौ में BJP रोशन हो गई है। तेजस्वी के नेतृत्व वाला महागठबंधन बेहद कांटे के मुकाबले में ‘जादुई आंकड़े’ से चूक गया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। राष्ट्रीय जनता दल RJD विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जबकि भाजपा विधानसभा में दूसरे पायदान पर रही।
लेफ्ट की पिछले चुनाव के मुकाबले सीटें बढ़ी जबकि कांग्रेस की घटी हैं। जहां, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी MIM ने मुस्लिम मतदाताओं में सेंधमारी करके 5 सीटें जीतकर अप्रत्यक्ष रूप से महागठबंधन के खेल खराब किया। वहीं भाजपा को चिराग पासवान की ‘वोट कटवा’ रोल से नीतीश कुमार की जेडीयू को पीछे धकेल कर विधानसभा में अपना संख्याबल बढ़ाने में मदद मिली। निर्वाचन आयोग ने देर रात रिजल्ट का एलान किया।
बिहार में NDA को बहुमत, लेकिन JDU की हार, BJP गदगद !
जी हां सुनने में यह जरूर विरोधाभासी है, लेकिन बिहार का जनादेश यही कहता है। 223 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। इस कड़ी में NDA 125 सीटें जीत सत्ता वापसी में कामयाब रहा। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश (Nitish Kumar) नैतिक रूप से जरूर हार गए। सत्ताधारी गठबंधन में उनके नेतृत्व में खुद की जनता दल यूनाइटेड पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। BJP की चिराग पासवान के सागर नीतीश को निवाला बनाने की अटकलें सही साबित होती दिख रही हैं।
एनडीए में BJP को 74, JDU को 43 सीटें मिली। जबकि जीतनराम मांझी की हम पार्टी और VIP ने 4-4 सीटों पर जीत हासिल की है। पिछले चुनावों के मुकाबले जेडीयू की 28 सीटें कम हो गईं हैं। जबकि BJP के संख्याबल में 21 विधायकों का इजाफा हुआ। हालांकि पिछली बार नीतीश महागठबंधन का हिस्सा थे। इस तरह बिहार में NDA को बहुमत मिल गया लेकिन नीतीश कुमार हार गए।
Exit Polls फेल साबित, महागठबंधन बहुमत से चूक गया
बिहार विधानसभा चुनावों की काउंटिंग का नजारा एकदम T-20 क्रिकेट मैच की तरह अंतिम ओवर तक उतार-चढ़ाव वाला रहा। महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन ‘जादुई आंकड़े’ से चूक गया। उसे बेहद कांटे के मुकाबले में 110 सीटें ही मिल पाईं। 75 सीटें जीतकर RJD सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यानी वास्तविक परिणाम एग्जिटपोल अनुमानों के विपरीत रहे।
कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक निर्वाचित हुए हैं। उसे पिछले चुनावों के मुकाबले 8 सीटों का नुकसान हुआ है। इस बार वह ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन कमजोर प्रदर्शन रहा। जिससे महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
अलबत्ता, सीटों के लिहाजा से लेफ्ट को फायदा हुआ। भाकपा (माले) को 12, CPI-M और CPI को 2-2 सीटें मिलीं।
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ओवैसी महागठबंधन के लिए नुकसान दायक और चिराग पासवान भाजपा के लिए फायदेमंद !
हालांकि Bihar विधानसभा चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी MIM के सिर्फ 5 विधायक निर्वाचित हुए। लेकिन उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं में सेंधमारी करके अप्रत्यक्ष रूप से महागठबंधन का खेल जरूर बिगाड़ दिया। उधर, केंद्र में NDA का हिस्सा चिराग पासवान की पार्टी LJP ने नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए थे।
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भले ही विधानसभा में लोकजनशक्ति पार्टी को एक सीट मिली हो, लेकिन उनके ‘वोट कटवा’ रोल से नीतीश की JDU को पीछे धकेल दिया। जिससे BJP को विधानसभा में अपना संख्याबल बढ़ाने में मदद मिली।