By Bikash K Sharma
Shatrughan Sinha शत्रुघ्न सिन्हा ने बतौर तृणमूल कांग्रेस (TMC) उम्मीदवार आसनसोल लोकसभा उपचुनाव जीत लिया। पश्चिम बंगाल के मतदाताओं ने BJP के बाहरी होने के प्रोपगेंडा को फेल कर दिया। गौरतलब है कि तृणमूल सुप्रीमों ममता बनर्जी ने शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था। भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल ने अपने चुनावी प्रचार में सिन्हा को बाहरी बताया। उन्होंने कहा कि अगर मैं बाहरी हूं तो फिर गुजराती होकर बनारस से चुनाव लड़ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बाहरी हैं। आसनसोल के मतदाताओं ने बिहारी बाबू शत्रुघ्न को 3 लाख से अधिक मतों से जीताकर बंगाली बाबू बना दिया। तृणमूल कांग्रेस ने पहली बार इस सीट पर कब्जा किया है। बाबुल सुप्रियो 2014 और 2019 में आसनसोल से सांसद निर्वाचित हुए थे।
Shatrughan Sinha बंगालियों के दिल में जगह बनाने में सफल !
शत्रुघ्न सिन्हा पूरे चुनाव प्रचार में खुद को बंगाल की मिट्टी से जुड़ा हुआ बताते रहे। ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने बांग्ला भाषा में भाषण भी दिए। जिससे उनकी बांग्ला एवं गैर बांग्ला भाषी दोनों समाज में पैठ स्थापित होते चली गई। शत्रु ने फिल्म इंस्टिट्यूट पुणे में अपने दाखिले के लिए कोलकाता में साक्षात्कार देने की बात के साथ पढ़ाई के दौरान ऋत्विक घटक को गुरु बताने की बात कही। Shatrughan Sinha ने लोगों को बताया कि काला पत्थर एवं कालका फिल्मों में अभिनय के दौरान कोयलांचल क्षेत्र का भरपूर दौरा किया था। लिहाजा वे मजदूरों की समस्याओं से काफी अवगत हैं।
उधर, तृणमूल कांग्रेस ने यह चुनाव केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लड़ा। साथ ही ममता बनर्जी सरकार की योजनाओं ने नाम पर जनता के समक्ष जाकर वोट मांगे। वहीं, भाजपा प्रत्याशी धर्म आधारित, विभाजनकारी बयानों के सहारे आक्रामक ढंग से चुनाव लड़तीं नजर आयीं। जोकि सिटी ऑफ़ ब्रदरहुड के नाम से विख्यात आसनसोल के लोगों को रास नहीं आया।
कांग्रेस, TMC और राजद की जीत, बीजेपी चारों खाने चित्त !
पश्चिम बंगाल में टीएमसी के ही सिंगर बाबुल सुप्रियो बालीगंज क्षेत्र के विधायक चुने गए। गौरतलब है कि २०१९ के लोकसभा चुनावों में वह आसनसोल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते। लेकिन बाबुल ने पार्टी छोड़ने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जहां Shatrughan Sinha को टीएमसी ने मैदान में उतारा। कांग्रेस (INC) ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की। जबकि राष्ट्रीय जनता दल RJD ने बिहार में एक सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में विजय प्राप्त की। BJP को झटका लगा क्योंकि उसके उम्मीदवार सभी सीटों पर हार गए।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)