http://www.xxxvideostv.net
sexex.pro
want2jerk.com gangbang me please teen begs for unlimited dick.
Trendingदेश प्रदेश

INDIA Alliance क्या विपक्षी एकता मोदी का चुनावी गणित बिगाड़ेगी?

×
Latest Posts

INDIA Alliance बेशक 26 विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन राज्यवार अर्थमैटिक शानदार है. लेकिन चुनावी सफलता 2024 तक उनके बीच ‘केमिस्ट्री’ पर निर्भर करेगी.

By Rahul Singh Shekhawat

आखिरकार 2024 के चुनावी महामुकाबले की तस्वीर साफ हो ही गई। सभी आशंकाओं को पीछे छोड़कर ‘विपक्षी एकता’ की मुश्किल कवायद परवान चढ़ गई है। इस कड़ी में बेंगलुरु में हुई बैठक में 26 दलों के ‘इंडिया’ नामक विपक्षी गठबंधन ने मूर्त रूप ले लिया। जो कि संयुक्त रूप से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले ‘एनडीए गठबंधन’ (NDA) को आगामी लोकसभा चुनावों में चुनौती देगा। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा के देशव्यापी असर के बाद विपक्षी गठबंधन। सत्ताधारी बीजेपी का अचानक एनडीए का कुनबा बढ़ाने की कवायद उसकी परेशानी जाहिर करता है। इन हालात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के लिए जीत की हैट्रिक बना पाना आसान नहीं होगा।

INDIA Alliance अब यूपीए नहीं एनडीए को पूरे इंडिया की चुनौती!

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता में ‘यूपीए’ गठबंधन का नाम बदलकर I.N.D.I.A. रखने पर सहमति बनी। ‘इंडिया’ नामक नए गठबंधन का मतलब इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस। उसके ब्लूप्रिंट, कॉमन एजेंडा आदि के निर्धारण के लिए 11 सदस्यीय समन्वय कमेटी गठित होगी। जिसका मुंबई में प्रस्तावित अगली बैठक में खुलासा हो जाएगा। फिर नए अध्यक्ष और संयोजक का भी ऐलान होना है। इस गठबंधन की ज्वाइंट कैंपेनिंग के लिए एक सेंट्रल ऑफिस भी स्थापित किया जाएगा। गठबंधन का इंडिया नाम रखने के पीछे दो तर्क बताए जाते हैं। पहला तो बीजेपी के ‘स्वंभू राष्ट्रवाद’ की काट। दूसरा यूपीए सरकार के कार्यकाल के अंतिम दौर के दौरान बीजेपी प्रचारित भ्रष्टाचार के छींटों से बचाव, एक यानी नयापन।

कांग्रेस ने विपक्षी एकता के लिए दिल बड़ा किया!

हालांकि सबसे टेढ़ी खीर लोकसभा चुनावों में सीटों का बटवारा है। जिस पर अभी कोई तस्वीर साफ नहीं हुई है। लेकिन तमाम किंतु- परंतु के बीच कांग्रेस और अन्य धुर विरोधी दलों के बीच मिलकर मोदी का मुकाबला करने की सहमति बनना छोटी बात नहीं है। वजह ये कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, लेफ्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की तनातनी किसी से छिपी नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने तो पटना  बैठक के दौरान ‘दिल्ली अध्यादेश’ मुद्दे पर गैरजरूरी उतावलापन दिखा दिया था। इस मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड साफ न करने की सूरत में ‘आप’ ने अगली बैठक से खुद को अलग होने का अल्टीमेटम दे दिया था। लेकिन कांग्रेस ने बड़ा दिल दिखाते हुए वह नौबत नहीं आने दी।

गौरतलब है कि ‘राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन’ छोड़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कवायद में जुटे थे। उनकी पहल पर बीते जून में 16 दलों की पटना में बैठक हुई थी। जिसमें कांग्रेस की अध्यक्षता में दूसरी बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कड़ी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने 26 छोटे बड़े क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों को बेंगलुरु आने का न्यौता दिया। पूर्ववर्ती गठबंधन ‘यूपीए’ चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी इस बैठक में शामिल हुईं थी। जिसकी डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2004 से 2014 के बीच केंद्र में 10 साल सरकार रही।

इंडिया गठबंधन का राज्यवार अर्थमैटिक शानदार!

बेशक ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों का राज्यवार अर्थमैटिक शानदार है। वजह ये कि गठबंधन में सबसे बड़े दल कांग्रेस की राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सरकारें हैं। तमिलनाडू में डीएमके, पश्चिम बंगाल में टीएमसी, आप की दिल्ली, पंजाब और केरला में सीपीआईएम की सरकारें हैं। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में आरजेडी, जेडीयू कांग्रेस, सीपीआई (एमएल) की गठबंधन सरकार चल रही है। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी गठबंधन सरकार है।

वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गिरने के बावजूद भी कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टियों का अटूट महाविकास अघाड़ी है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सबसे बड़ा विपक्षी दल है। पूर्व पीएम चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल का वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में खासा प्रभाव है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीडीपी कश्मीर के मुख्य क्षेत्रीय दल हैं।

लेकिन चुनावी जीत के लिए तो केमिस्ट्री जरूरी है!

इसमें कोई दो राय नही है कि नीतीश कुमार की पहल से कई धुर विरोधी विपक्षी दलों के रिश्तों में जमीं बर्फ पिघलती नजर आई है। लेकिन 2024 में चुनावी सफलता इंडिया में शामिल दलों के बीच ‘केमिस्ट्री’ पर ज्यादा निर्भर करेगी। मसलन पश्चिम बंगाल में धुर विरोधी सत्ताधारी टीएमसी बनाम विपक्षी वाम दल। पंजाब- दिल्ली की सत्ता में काबिज आप और बेदखल हुई कांग्रेस। उधर, समाजवादी पार्टी यूपी में सियासी जमीन तलाश रही कांग्रेस को कितना स्पेस देना पसंद करेगी। INDIA Alliance

अलबत्ता तमिलनाडू, बिहार और झारखंड में कोई समस्या नहीं आएगी। वहां क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों में कांग्रेस शामिल है। तमिलनाडू में डीएमके के स्टालिन तो झारखंड में जेएमएम के हेमंत सोरेन के हाथों में बागडोर है। वहीं बिहार में विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री, आरजेडी के तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना- एनसीपी में टूट के बावजूद कांग्रेस के साथ महा विकास आघाड़ी एकजुट है।

ये दल एनडीए में रहेंगे या इंडिया में जाएंगे?

वहीं आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति और उड़ीसा की बीजू जनता दल किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं हैं। इन तीनों दलों की अपने अपने राज्यों में सरकारें हैं। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी, सुखबीर सिंह बादल की शिरोमणि अकाली दल, देवगौड़ा का जनता दल(एस) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी  फिलहाल बीजेपी- कांग्रेस से दूरी दिखा रही हैं। मुमकिन है कि चुनावों के बाद दिशा तय करने या जरूरत पड़ने पर सत्ताधारी गठबंधन से जुड़ने की रणनीति हो।

वैसे राजनीति में हमेशा आशंका और संभावना समानांतर ↵चलती हैं। चाचा शरद पवार से बगावत करके एनडीए गए अजीत पवार की उनसे मुलाकातों के मायने तलाशे जा रहे हैं।

विपक्षी एकता से मोदी हैरान और बीजेपी परेशान!

इधर बेंगलुरु में इंडिया नामक विपक्षी गठजोड़ ने मूर्त रूप लिया। उधर, बीजेपी ने उसी रोज शाम को दिल्ली में एनडीए की बैठक बुला ली। जिसमें छोटे छोटे दलों का वोट साधने के लिए विभिन्न 36 पार्टियों की परेड कराई। मोदी ने बीजेपी सांसदों की बैठक में कहा कि सिर्फ इंडिया लगाने से कुछ नहीं हो जाता। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था और इंडियन मुजाहिद्दीन में भी इंडिया है। मतलब न सिर्फ बीजेपी बल्कि मोदी दोनों ही विपक्षी एकता से हलकान हैं। साफ है कि कथित ‘हिंदुत्व’ के सहारे वॉक ओवर की उम्मीदें पाले बैठी बीजेपी के लिए 2024 चुनाव में राहें आसान नहीं हैं। INDIA Alliance

 

(लेखक वरिष्ठ वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार हैं)

Comment here

https://tikpornvideos.com darryl knows how to suck. porncavehd.com sucking dick with a happy ending.