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किसान सगठनों की हुंकार ! 8 दिसंबर को भारत बंद, विपक्ष का समर्थन !

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किसान सगठनों की हुंकार पर अब 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ रहेगा। मोदी सरकार के 3 कृषि सुधार कानूूूनों (Farm Law) के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया है। कांग्रेस समेत 11 से ज्यादा विपक्षी दलों ने बंद को समर्थन दिया है। किसान संगठन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। फिलहाल केंद्र सरकार ना तो झुकने और ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने को तैयार  है। इस कड़ी में दोनों के बीच 5 दौर की वार्ता विफल रही। किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। वही, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत दर्जनों खिलाड़ी किसानों के समर्थन में अपने अवार्ड लौटा रहे हैं।

किसान सगठनों की हुंकार पर 8 दिसंबर को भारत बंद !

कृषि सुधार कानूनों पर अन्नदाताओं और मोदी सरकार के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। दोनों के बीच 5 दौर की बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया। अब किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। जिसके तहत दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। इस दौरान दूध और सब्जी की सप्लाई भी बंद रहेगी। अलबत्ता शादी और आपातकाल सेवाओं पर रोक नहीं होगी। इस कड़ी में ट्रक एसोसिएशन ने बंद को समर्थन दिया है। किसान आवाजाही पर ब्रेक लगाने के लिए टोल बंद करेंगे। 8 दिसंबर के भारत बंद के मद्देनजर किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा बढ़ रहा है।

इसलिए किसान हैं मोदी सरकार से नाराज !

संसद में पारित हुए 3 कृषि सुधार विधेयक राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद कानून बन चुके हैं। जिनमें कृषि उपज व्यापार एवं सरलीकरण, कृषक कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार अधिनियम और आवश्यक वस्तु(संसोधन) एक्ट शामिल हैं। जिनके खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों में भारी गुस्सा है। जिसकी वजह न्यूनतम समर्थन मूल्य के खत्म होने और खेती पर कॉर्पोरेट की मनमानी की आशंका है। पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के किसान भी शामिल हैं।
हालांकि, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MSP बरकरार रखने का लगातार मौखिक आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके सरकार उसकी लिखित गारंटी देने को तैयार नहीं है। जिसके चलते किसानों के मन में न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होने की आशंका बढ़ी है। मोदी सरकार और भाजपा संवाद करने की बजाय कांग्रेस पर किसानों को बरगलाने की तोहमत लगाती आ रही है। इन हालात में अविश्वास और आशंकाओं का गहरा होना लाजमी है।

कांग्रेस समेत विपक्ष का भारत बंद को समर्थन

विपक्ष ने किसानों की हुंकार भरने के तहत भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया है। इस कड़ी में एक संयुक्त बयान जारी किया गया। जिसमें संसद में जल्दबाजी में पारित किए गए कृषि कानूनों को नुकसानदायक बताया गया है। कांग्रेस, TRS, शिवसेना, DMK, समाजवादी पार्टी, APP और लेफ्ट समेत अन्य दलों ने बंद को समर्थन का एलान किया गया। कांग्रेस ने बंद के दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर किसानों के समर्थन में धरने देने की घोषणा की है।

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किसान आंदोलन को विफल करने का भी प्रयास !
हाल ही में दो महीनों से पंजाब में सड़कों पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच किया था। उनके काफिले को हरियाणा में रोकने के लिए मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हर संभव प्रयास किए। इस कड़ी में आंसू गैस और पानी की बौछार छोड़ी गई। सरकार ने सड़के खोदने के अलावा कटीले तार लगवा दिए। इस कड़ी में कथित तौर पर भीड़ में ‘खालिस्तान’ समर्थकों की मौजूदगी को मीडिया में प्रचारित किया गया।
लेकिन सारे अवरोधकों को पार करते हुए किसानों का काफिला दिल्ली बॉर्डर पहुंच गया। जिसका असर ये हुआ कि गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत का ऑफर दे दिया। लेकिन उनकी शर्त ये है कि किसान पहले दिल्ली बॉर्डर छोड़कर बुराड़ी ग्राउंड जाएं। लेकिन किसान संगठनों ने शाह के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।इस कड़ी में सरकार और किसान संगठनों के बीच 5 राउंड की बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है।

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